Wednesday, February 26, 2020

माँ

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।

कहीं धूप से ,जल न जाएँ
हमे आँचल की ,छांव हैं देती।

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।

बुरी नजर न, लग जाये हमे
रोज ही काला, टीका लगाती।

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।

दुआएँ हर दम, है देती
कई आशीषे भी ,लुटाती।

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।

बुरी राह न ,चल जाएँ हम
सत्य, असत्य का पाठ पढ़ाती।

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।

हम सफल हो ,हर एक कार्य में
मंदिर , मस्जिद, गुरूद्वारे है ,जाती ।

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।

हम गुस्सा हो जाएं,तो हमको है मनाती
तू गुस्सा हो जाये,तो भी खुद ही मान जाती।

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।

सारे घर का ,भार उठाती
तुम ही ,सबकी सुनती हो
कोई पीड़ा हो भी तो
किसी से न तुम कहती हो।

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।

तेरी गोद में पलने को
ईश्वर ने भी जन्म लिए
हम तो वो ,खुशनशीब है
जो तेरी गोद, में है हम पले ।

तुम मृदुभाषी ,तुम करुणामयी
तुम ही माँ,अमृत बरसाती।


शायरियां

1
उसने मेरे दिल को तार -तार कर दिया
कहता था प्यार करता हूँ तुझसे ,तो क्यों
किसी और से जाकर ,इज़हार कर दिया।।

2
जिंदगी कुछ इस तरह बर्बाद हुई कि
किसी की दुआएँ भी काम न आयी और
न जाने किसकी नजर लग गयी।।

3
न जाने क्या बात है तेरी यादों में
जब भी आती है ,तब ही मेरी
नींद ही नहीं चैन भी ले जाती हैं।।

4
वो बेबफा इसकदर बेबफा निकला
कि रंगेहाथों पकडे जाने पर भी
मलाल तो उसे न हुआ बल्कि
खुद मुझे ही बेबफाई का इल्ज़ाम लगा दिया।।

5
हम तो बिन कुछ कहे ,बिन कुछ पूंछे
अपने माँ-बाप से भी जुदा होकर
तेरे पीछे -पीछे चले थे ,लेकिन
तूने तो एक बार हमें मुड़कर भी नहीं देखा।।


कृष्णा भजन

मैं बाबरी जो बन जाऊं तो
तुम बाबरे संग बनोगे
ओ साँवरे सलौने, ओ साँवरे सलौने।।।

  तुम तो नटखट हो कान्हा,तुम्हारी नटखट अदाएंss
  मैं भी नटखट बन जाऊं ,तो मेरे संग खेलन चलोगेsss - २
  ओ साँवरे सलौने, ओ साँवरे सलौने।।।

तुम तो श्यामल हो कान्हा ,तुम्हारे नैना ,है मतवालेss
मैं तेरे रंग मैं, रंग जाऊं तो तुम मेरे रंग में रंगोगेsss-२
ओ साँवरे सलौने, ओ साँवरे सलौने।।।

        मैं बाबरी जो बन जाऊं तो
     तुम बाबरे संग बनोगे
ओ साँवरे सलौने, ओ साँवरे सलौने।।

तुम मुरलीधर हो कान्हा,मुरली बजाने वालेss
मैं भी मुरली बन जाऊं तो,अपने होंठो से छुओगेsss-२
ओ साँवरे सलौने, ओ साँवरे सलौने।।

तुम तो हो छलिया गोपाला, रास रचाने वालेss
मैं भी गोपी बन जाऊं तो ,मेरे संग रास रचोगेsss-२
ओ साँवरे सलौने, ओ साँवरे सलौने।।

मैं बाबरी जो बन जाऊं तो
तुम बाबरे संग बनोगे
ओ साँवरे सलौने, ओ साँवरे सलौने।।


अभिलाषा


दर्द दिल का

 दिल का सुनाऊँ किसे
दिल जल रहा है दिखाऊं किसे
     चाहा जिसे वो मेरा कभी था ही नही
    नसीब से जुड़ा, जो कभी मेरा हुआ ही नही
दर्द दिल का सुनाऊँ किसे
दिल जल रहा है दिखाऊं किसे
     गलती से मोह्हबत कर बैठे उस साये से
     जिसे शायद छूना भी नसीब में न था।
कह भी न पाए हम
दिल में इतना साहस न था।।
      दर्द दिल का सुनाऊँ किसे
      दिल जल रहा है दिखाऊं किसे
एक को भुलाने में बर्षो गुजर गए
एक को दिल में बसाने में बरसों बीत गए
      हमने तो कोशिस करके अपने दिल में
      जगह बना ही ली उसकी
      नसीब भी मान लिया लेकिन
दर्द दिल का सुनाऊँ किसे
दिल जल रहा है दिखाऊं किसे

    


रोड

पड़ी थी जो कई सालों से ,बंजर गली
आज उस पर,रोड बन ही गयी।
आते थे कई नेता ,कई वादे भी करते थे
पर होता कुछ नही था,न जाने 
कहा से नेताजी की ,मेहरबानी हो गई
कि आज रोड ,बन ही गयी।
जो घर के बाहर, की बदसूरती थी
वही आज घर ,आँगन की रौनक सी बन गई
क्योंकि आज रोड ,बन ही गयी।
बच्चो में भी ,बड़ी खुशी नजर आ रही है
आज शाम से ही सारे देखो ,शोर मचा ही रहे है
कोई घर जाने को तैयार नही,रोड पर ही
सारे नजर आ रहे है,कही क्रिकेट तो कही 
फुटबॉल नजर आ रही है,तो कही
छोटी-छोटी साइकिलों की रेस लगाई 
जा रही है,क्योंकि आज कंकर पत्थर नही
सरपट रोड दिखाई, दे रही है।
क्योंकि आज रोड बन ही गयी ।

दर्द

जब बार- बार फोन करने पर भी
जब जबाब नही आता
और तुम फ़ोन नही उठाते
सोचा है कभी तुमने मेरे दिल पे
क्या गुजरती है, नही सोचा होगा।
हम तो तुम्हे बार बार माफ़ कर देते है
तुम्हे लगता तो होगा  कि मैं पागल हूँ।
जो बार बार माफ़ कर देती हूँ,है न
मेरे मैसेज को तक नही देखते हो
सोचा है क्या बीतती होगी मेरे दिल पे
नहीं सोचा होगा है, न क्यों ?सोचोगे भला
तुम तो मनमोजी हो ,क्या करना कोई मरे तो मरे
तुम्हे तो खुद से ही फुर्सत नही मिलती है ,न
जब भी चाहा तुमसे बात कर लूं ,
थोड़ी देर से बात करेंगे कह देना और
मोबाइल में घुस जाना यही तो करते हो
हर बार बहाने करते हो कभी सोचा है
तुमने मेरे दिल पे क्या बीतती होगी
नहीं सोचा होगा  है ,न
अपने शरीर की आग बुझाने के लिए
में तुम्हारी हूँ ,तुम मुझसे प्यार करते हो
ये कह देना और काम निकल जाये तो
जा  अब अपना काम कर ये कह कर
तनहा छोड़कर चले जाना ,
तुम्हारी नजरों में सही है ,है  न
मेरा तो कुछ भी नही है फिर क्या सही है
वक्त मिले तो कभी सोच लेना।
मुझसे झूठा ही सही कभी तो मेरा भी हाल पूछ लेना।


Saturday, June 2, 2018

आइना

  • आइना कभी झूठ बोलता नहीं,
  •  आइना कहता है सब ,पर कोई सुनता नहीं।
  • बचपन की कहानी कहता है,
  • तो कहीं जवानी की रवानी में बहता है।
  • फिर भी आइना सही कहता है,
  • बुढ़ापा आ जाता है ,और जमाना चला जाता है।
  • लेकिन आइना कभी झूठ बोलता नहीं,
  • दुनिया बदल जाती है ,पर आइना बदलता नहीं ।आइना कभी झूठ बोलता नहीं।