दिल का सुनाऊँ किसे
दिल जल रहा है दिखाऊं किसे
चाहा जिसे वो मेरा कभी था ही नही
नसीब से जुड़ा, जो कभी मेरा हुआ ही नही
दर्द दिल का सुनाऊँ किसे
दिल जल रहा है दिखाऊं किसे
गलती से मोह्हबत कर बैठे उस साये से
जिसे शायद छूना भी नसीब में न था।
कह भी न पाए हम
दिल में इतना साहस न था।।
दर्द दिल का सुनाऊँ किसे
दिल जल रहा है दिखाऊं किसे
एक को भुलाने में बर्षो गुजर गए
एक को दिल में बसाने में बरसों बीत गए
हमने तो कोशिस करके अपने दिल में
जगह बना ही ली उसकी
नसीब भी मान लिया लेकिन
दर्द दिल का सुनाऊँ किसे
दिल जल रहा है दिखाऊं किसे
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